द फॉलोअप डेस्क
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी की सरकार बनना तय सा हो गया है। हालांकि इसे अंतिम रूप दिया जाना अभी बाकी है। लेकिन अब तक के परिणाम और रुझान इसी का संकेत दे रहे हैं। इसी के साथ इन तीनों राज्यों में सीएम पद को लेकर बीजेपी के खेमे में चर्चा शुरू हो गयी है। सत्ता के गलियारों से नजदीकियां रखने वाले जानकार बता रहे हैं कि इन तीनों ही राज्यों में बीजेपी नये चेहरे को सीएम की कुरसी सौंप सकती है। तीनों राज्यों के लिए बीजेपी के पास अलग-अलग तरह के फार्मूले हैं। लेकिन इसमें एक बात जो कॉमन है, वो है सीएम के पद पर ऐसे चेहरों को प्राथमिकता मिलेगी जिसका फायदा आगामी आम चुनाव और विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिल सके। हालांकि ये देखना दिलचस्प होगा कि राजस्थान सरीखे राज्यों में बीजेपी सीएम की कुरसी किसे सौंपती है। क्योंकि यहां वसुंधारे राजे को अब तक सीएम का मजबूत दावेदार माना जाता रहा है।
पुराने चेहरे नहीं होंगे रीपिट
जानकार बताते हैं कि बीजेपी तीनों राज्यों में नये चेहरे को सीएम का पद सौंप सकती है। इसका लाभ तीन स्तरों पर पार्टी को मिल सकेगा। पहला ये कि नया चेहरा होने के कारण छह माह बाद होने वाले आम चुनाव में पीएम मोदी को ही सामने रखा जायेगा। आम चुनाव में जनता सिर्फ मोदी के चेहरे पर ही मतदान करेगी। ऐसा देश में मोदी लहर को देखते हुए कहा जा रहा है। तीनों राज्यों में मोदी के नाम पर ही बीजेपी को मत मिले हैं। नये चेहरे को मुख्यमंत्री बनाने के साथ ही युवा वर्ग में भी सकारात्मक मैसेज जायेगा। इसी के साथ बिहार जैसे राज्यों में जातिगत राजनीति का जवाब देने के लिए भी बीजेपी नये चेहरों को मौका दे सकती है। इसमें पिछड़े वर्ग को अधिक तरजीह मिलेगी, इसमें संदेह नहीं है।
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में क्या...
छत्तीसगढ़ में बीजेपी की जीत का सीधा श्रेय पीएम मोदी को दिया जा रहा है। मोदी ने एक के बाद एक कई रैलियां छत्तीसगढ़ में की। सीएम भूपेश बघेल को कठघरे में खड़ा करने में वे सफल रहे। इस स्थिति में ये तय माना जा रहा है कि पूर्व सीएम रमन सिंह इस बार कुरसी के लिए दावेदार नहीं है। यहां बीजेपी नये चेहरे को सीएम बना सकती है। मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम पद की कमान मिल सकती है। इससे बीजेपी को दो फायदे होंगे। एक तो वे युवा वर्ग की आकांक्षा को परिपूर्ण दूसरे इससे राजस्थान में बीजेपी पर वंसुधरा राजे का दबाव कम होगा। क्योंकि दोनों ही राज्यों में एक ही घराने से सीएम का बनना बीजेपी के हित में अच्छा नहीं होगा। राजस्थान में वैसे भी सीएम पद के लिए योगी बालकनाथ का नाम सबसे पहले लिया जा रहा है।
राजस्थान में योगी हो सकते सीएम पद के दावेदार
योगी बालकनाथ बीजेपी के टिकट पर सांसद हैं। लेकिन पार्टी ने उनको तिजारा सीट से टिकट देकर विधायक के चुनाव में भी मैदान में उतार दिया। वे जीते भी हैं। योगी यादव जाति से हैं। ऐसे में बीजेपी अगर उनको सीएम बनाती है तो पार्टी को एक साथ तीन स्तर पर लाभ मिल सकता है। हिंदूवादी चेहरा होने का लाभ, पिछड़े जमात की हमदर्दी और नया चेहरा। बीजेपी य़े प्रयोग उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को सीएम बनाकर कर चुकी है। आज की तारीख में योगी बीजेपी के सफलतम सीएम के रूप में पहचाने जाते हैं। यही फार्मूला बीजेपी राजस्थान में भी लागू कर सकती है। बता दें कि योगी बालकनाथ हरियाणा के नाथ समुदाय के मठ के महंत भी हैं। इसी के साथ उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के करीबी भी माने जाते हैं। उनके नामांकन के समय खुद सीएम योगी राजस्थान में मौजूद थे। इस तरह से बीजेपी के हिंदुत्व वाले चेहरे के मानक को भी योगी बालकनाथ पूरा करते हैं।